हिंदुजा फैमिली पर घरेलू स्टाफ से क्रूरता के आरोप:स्विट्जरलैंड के विला में जबरन 18 घंटे काम कराया, पासपोर्ट

schedule
2024-06-18 | 10:30h
update
2024-06-18 | 10:30h
person
newspapertime.in
domain
newspapertime.in

भारतवंशी अरबपति हिंदुजा फैमिली पर घरेलू स्टाफ पर शोषण करने का आरोप लगा है। ऐसा दावा है कि इन्होंने स्विट्जरलैंड में अपने विला पर घरेलू स्टाफ्स से बेहद कम कीमत पर 15 से 18 घंटे तक काम कराया। ये दावा है कि इस दौरान उन्होंने स्टाफ के पासपोर्ट तक जब्त कर लिए थे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंदुजा फैमिली जेनेवा के लेक विला वे अपने स्टाफ को करीब 18 हजार रुपये महीने देती थी। ये पैसे उन्हें भारतीय रुपये में दिए जाते थे। इस पैसे का वे वहां पर इस्तेमाल भी नहीं कर पाते थे। स्टाफ को नौकरी छोड़ने की नहीं थी इजाजत
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी वकील ने कोर्ट में ये दावा किया कि हिंदुजा फैमिले के विला में कर्मचारियों के लिए न तो काम के घंटे तय हैं और न ही उनकी साप्ताहिक छुट्टी का कोई तय समय है। इन स्टाफ को नौकरी छोड़ने की भी इजाजत नहीं है। उन्हें बिना परमिशन के घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक स्विटजरलैंड में सोमवार से इन पर ह्यूमन ट्रैफेकिंग का ट्रायल शुरू हो गया है। सरकार के वकील ने दोषियों को कम से कम 1 साल की सजा की मांग की है। ब्लूमबर्ग ने एक अन्य सरकारी वकील ने कोर्ट में आरोप लगाया है कि हिंदुजा अपने स्टाफ से अधिक अपने कुत्तों पर खर्च कर देते थे। सरकारी वकील ने जेल भेजने की मांग की
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी वकील ने कोर्ट से ये मांग की है कि अजय हिंदुजा और उनकी पत्नी नम्रता को जेल भेजा जाए। इसके साथ ही हिंदुजा परिवार को अदालत के खर्चों के लिए 1 मिलियन स्विस फ्रैंक (9.5 करोड़ भारतीय रुपए) और कर्मचारियों के लिए एक फंड में 3.5 मिलियन फ्रैंक (33 करोड़ भारतीय रुपए) का भुगतान किया जाए। इनमें प्रकाश हिंदुजा, कमल हिंदुजा, अजय हिंदुजा और उनकी पत्नी नम्रता हिंदुजा शामिल हैं। हालांकि हिंदुजा फैमिली ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि वे न तो इन स्टाफ की हायरिंग में शामिल थे। इतना ही नहीं वे इन स्टाफ को हैंडल भी नहीं करते थे। इसलिए उन पर शोषण के ये आरोप गलत हैं। बोफोर्स घोटाले से भी जुड़ा था नाम
श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश हिंदुजा का नाम बोफोर्स घोटाले में भी सामने आया था। इस घोटाले में स्वीडिश कंपनी बोफोर्स पर यह आरोप लगाया गया कि उसने 1986 में भारत सरकार को 1.3 अरब डॉलर की रिश्वत दी थी। इसमें तीनों भाइयों ने मदद की थी। तीनों भाइयों पर CBI ने अक्टूबर 2000 में ये आरोप लगाए थे, मगर साल 2005 में दिल्ली की कोर्ट ने सबूत के अभाव में उन पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया।

Advertisement

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
newspapertime.in
Privacy & Terms of Use:
newspapertime.in
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
18.06.2024 - 18:02:27
Privacy-Data & cookie usage: