5 महीने के लिए दोस्त बनेंगे ग्रीस-तुर्किये:50 साल पुराना सीमा विवाद सुलझाने के लिए पहल; दोनों के बीच ग्रीस

schedule
2024-05-12 | 08:19h
update
2024-05-12 | 08:19h
person
newspapertime.in
domain
newspapertime.in

तुर्किये और ग्रीस सालों की दुश्मनी को खत्म करने के लिए एक नई पहल करने वाले हैं। दोनों देश पांच महीने की दोस्ती करके 50 साल पुराने सीमा विवाद का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। इसके लिए ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस सोमवार (13 मई) को तुर्किये जाएंगे। मित्सोटाकिस तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन से मुलाकात करेंगे। दोनों के बीच समुद्री सीमाओं, व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। ये सब ऐसे वक्त पर हो रहा है जब दोनों देशों में इजराइल-हमास युद्ध के चलते मतभेद हैं। तुर्किये खुलकर हमास का साथ दे रहा है, जबकि ग्रीस इजराइल का समर्थन करता है। पिछले हफ्ते मित्सोटाकिस ने कहा था कि हम (ग्रीस) हमेशा तुर्किये के साथ बातचीत के पक्ष में हैं। तुर्किये भी हमसे अच्छे संबंध रखना चाहता है। इसी में दोनों देशों की भलाई है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी सहमति नहीं बनी, फिर भी दोनों देशों के बीच बातचीत के रास्ते हमेशा खुले रहने चाहिए। क्या है दोनों देशों के बीच विवाद?
एजियन सागर को लेकर ग्रीस और तुर्किये में तनातनी चलती रहती है। इसके अलावा दोनों नाटो देशों के बीच साइप्रस द्वीप के बंटवारे को लेकर भी विवाद है। ये विवाद 1974 से है। जब ग्रीस समर्थित सैन्य तख्तापलट के जवाब में तुर्किये के लड़ाकों ने इस द्वीप पर हमला किया था। बाद में कब्जा किए गए इलाके को तुर्किये ने टर्किश रिपब्लिक ऑफ नॉर्दन साइप्रस नाम दे दिया। तुर्किये के देश बनने से पहले भी यूनानियों और तुर्कों के बीच दुश्मनी का एक लंबा इतिहास रहा है। इस मुद्दे पर भारत ने हमेशा से ग्रीस का साथ दिया है। वहीं, ग्रीस भी कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थन करता है। ग्रीस UNSC में भी भारत की परमानेंट सीट का हिमायती है। दोस्ती के लिए दोनों ने अब तक क्या कोशिशें की?
रिश्ते सुधारने के लिए तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने पिछले साल दिसंबर में ग्रीस का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों ने इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट, एजुकेशनल टूर के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही थी। इसके बदले ग्रीस ने तुर्की के नागरिकों को इस साल गर्मी में घूमने के लिए ऑन-द-स्पॉट वीजा दिया है। इस वीजा से तुर्किये के लोग ग्रीस के 10 द्वीप पर जा सकेंगे। इस पर ग्रीस के प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह दोनों देशों के बीच इकोनॉमी को मजबूत करेगा। साथ ही दोनों देशों के बीच शांति लाएगा। लेकिन कुछ हफ्ते पहले ही तुर्किये के राष्ट्रपति ने इस्तांबुल में एक बाइजेंटाइन युग के चर्च को तोड़कर एक मस्जिद बनाने की घोषणा की, जिसके बाद ग्रीस के ऑर्थोडॉक्स चर्च ने इसकी आलोचना की थी। ग्रीस के जरिए तुर्किये-पाक के गठजोड़ को भेदता है भारत
तुर्किये कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ जाकर पाकिस्तान का समर्थन करता है। इतना ही नहीं, पाक और ईरान तेजी से डिफेंस साझेदारी बढ़ा रहे हैं। अप्रैल 2023 में तुर्किये ने पाकिस्तान को बायरकतार टीबी 2 ड्रोन दिए। यह ड्रोन रूस-यूक्रेन युद्ध में अपनी काबिलियत साबित कर चुका है। पाकिस्तान को यह ड्रोन मिलना भारत के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। पाक-तुर्किये के गठजोड़ को भेदने के लिए पिछले साल अगस्त में भारतीय वायुसेना के चीफ वीआर चौधरी ग्रीस गए थे। इस बीच दोनों देशों में ड्रोन टेक्नोलॉजी पर काम करने के लिए बातचीत हुई। दरअसल, ड्रोन के खतरे को देखते हुए तुर्किये का दुश्मन ग्रीस अब भारत का साथ देने को तैयार है। ग्रीस इस ड्रोन के रडार से जुड़ा अहम डेटा भारत के साथ शेयर कर सकता है। बरयाकतार ड्रोन के छोटे होने की वजह से इन्हें रडार पर डिटेक्ट कर पाना मुश्किल होता है। ऐसे में भारत के साथ साझा की गई जानकारी काफी अहम होगी। इसके बदले भारत ग्रीस को ब्रह्मोस दे सकता है। एक इंटरव्यू के दौरान ब्रह्मोस एरोस्पेस के CEO और MD अतुल दिनकर ने बताया था कि भारत ने ब्रह्मोस बेचने के लिए पहला कॉन्ट्रैक्ट फिलिपीन्स के रक्षा मंत्रालय के साथ किया है। इसके अलावा कई नाटो देश इसे खरीदने में दिलचस्पी जाहिर कर चुके हैं।

Advertisement

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
newspapertime.in
Privacy & Terms of Use:
newspapertime.in
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
09.08.2024 - 01:32:35
Privacy-Data & cookie usage: