रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को पद से हटा दिया है। सर्गेई की जगह आंद्रेई बेलोसाउ को देश का नया रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया है। रविवार रात रूस ने आधिकारिक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। बेलोसाउ इससे पहले उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश से रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को पद से मुक्त किया गया है। शोइगू को अब देश के सुरक्षा परिषद का सचिव बनाया गया है। वे सुरक्षा परिषद के सचिव के साथ-साथ रूस के मिलिट्री- इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। पिछले महीने शोइगू के डिप्टी तिमुर इवानोव को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। रूसी मीडिया के मुताबिक इवानोव पर 1 मिलियन रूबल ( लगभग 10,800 डॉलर) की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। इसी के बाद से माना जा रहा था कि जल्द ही शोइगू को भी पद से हटाया जा सकता है। रूस की प्राइवेट आर्मी ‘वैगनर’ के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन ने भी मौत से पहले शोइगु की आलोचना की थी। रूस के नए डिफेंस मिनिस्टर का मिलिट्री बैकग्राउंड नहीं, फिर पुतिन ने क्यों दी जिम्मेदारी
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक आंद्रेई बोलासाउ का मिलिट्री में कोई अनुभव नहीं है, वो एक इकोनॉमिस्ट हैं। रूस के प्रवक्ता पेस्कोव का कहना है कि मिलिट्री को इनोवेशन की जरूरत है। इसलिए बेलोसाउ को चुना गया है। उन्होंने कहा ,” रूस का रक्षा बजट शीत युद्ध के बजट स्तर तक पहुंचने के करीब है। उस समय देश के कुल खर्च में मिलिट्री की हिस्सेदारी 7.4 प्रतिशत थी। अभी यह खर्च लगभग 6.4 प्रतिशत है। इसे कंट्रोल करना जरूरी है। इसी वजह से पुतिन ने अब आर्थिक नीतियों की जानकारी रखने वाले बेलोसाउ को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है। पेस्कोव के मुताबिक बेलोसाउ ने रूस के आर्थिक विकास मंत्रालय का सफल नेतृत्व किया है। वे लंबे समय तक आर्थिक मुद्दों पर पुतिन के सहयोगी थे, और पिछली कैबिनेट में सरकार के पहले डिप्टी चैयरमैन भी थे।” जंग के चलते रूस पश्चिमी देशो की आर्थिक पाबंदियों का सामना कर रहा है। ऐसे में पुतिन नहीं चाहते कि रक्षा मंत्रालय को मिलने वाले फंड का गलत इस्तेमाल हो। दरअसल, रूस की प्राइवेट मिलिट्री ‘वैगनर’ के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन ने सर्गेई शोइगू पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। फरवरी 2023 में प्रिगोजिन ने रूस के डिफेंस मिनिस्टर सर्गेई शोइगू पर आरोप लगाए कि वो उनके लड़ाकों के लिए हथियार नहीं भेज रहे हैं, इसके जरिए वो वैगनर को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रिगोजिन ने कहा था कि शोइगू में जंग जीतने की क्षमता नहीं है। BBC के मुताबिक शोइगू और प्रिगोजिन की दुश्मनी यूक्रेन जंग में अड़चन बनने लगी थी। बाखमुत शहर को जीतने की लड़ाई ने इस दुश्मनी को और गहरा कर दिया। नतीजा ये रहा कि 24 जून को प्रिगोजिन अपने लड़ाकों को लेकर रूस के खिलाफ बगावत कर दी। रूस के रोस्तोव शहर में वैगनर ने अपने कब्जे में ले लिया था। हालांकि, मॉस्को पहुंचने से पहले ही उनसे सुलह कर ली गई थी। हालांकि, 2 महीने बाद ही 23 अगस्त को प्लेन क्रैश में प्रिगोजिन की मौत हो गई। पेस्कोव ने कहा कि नई नियुक्ति रूस के मौजूदा सैन्य सिस्टम में बदलाव का संकेत नहीं देती है। रूस के मिलिट्री ऑपरेशन्स चीफ ऑफ स्टाफ वालेरी गेरासिमोव के जिम्मे रहेंगे।” पुतिन ने पांचवी बार ली राष्ट्रपति पद की शपथ
व्लादिमिर पुतिन लगातार 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं। 15-17 मार्च को हुई वोटिंग में पुतिन को 88% वोट मिले। उनके विरोधी निकोले खारितोनोव को 4% वोट मिले। व्लादिस्लाव दावानकोव और लियोनिद स्लटस्की तीसरे और चौथे नंबर पर रहे। रिजल्ट घोषित होने के बाद पुतिन ने कहा- अब रूस और भी ज्यादा ताकतवर और प्रभावशाली बनेगा। उन्होंने रूस-नाटो विवाद को लेकर भी चर्चा की। कहा- अगर अमेरिकी नेतृत्व वाला सैन्य संगठन नाटो और रूस आमने-सामने हुए तो दुनिया तीसरे विश्व युद्ध से एक कदम दूर होगी। मुझे नहीं लगता की कोई भी ऐसा कुछ चाहेगा।