नेटफ्लिक्स पर 29 अगस्त को रिलीज हुई वेब सीरीज IC 814- द कंधार हाईजैक लगातार विवादों में है। असल घटना पर आधारित इस सीरीज में आतंकियों के नाम हिंदू बताए गए थे, जिससे इसका विरोध किया जा रहा है। मामला कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने मेकर्स को बदलाव करने के आदेश दिए। इसी बीच अब असल घटना के समय प्लेन में मौजूद क्रू मेंबर चीफ अनिल शर्मा फिल्म में तथ्यों की गलतियां दिखाने पर भड़क गए हैं। उनका कहना है कि सीरीज में एक-दो नहीं बल्कि आधा दर्जन गलतियां हैं। बता दें कि सीरीज 1999 में हुए हाईजैक की कहानी है। मेकर्स ने इस असल घटना पर सीरीज बनाने के लिए दो किताबों का रिफरेंस दिया है, जिनमें से एक बुक ‘IA’s Terror Trail उस समय के केबिन क्रू चीफ अनिल शर्मा ने लिखी है। हालांकि अनिल शर्मा का आरोप है कि सही तथ्य जानने के बाद भी डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने फैक्ट गलत तरह दिखाए हैं। बरखा दत्त से बातचीत में अनिल शर्मा ने भड़कते हुए कहा है, कुछ लोग डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की तारीफ कर रहे हैं, वो यकीनन अपना क्राफ्ट को बहुत अच्छे से समझते हैं, लेकिन मुझे उनसे यही दिक्कत है कि उन्हें असलियत में हुई उन चीजों को बदलने की क्या जरुरत थी, जो वहां असल में हुईं। उस घटना में एक्शन का बड़ा हिस्सा केबिन के अंदर हुआ था। वहां बहुत भयानक चीजें हुई थीं, लेकिन इन्हें उतनी सेंसिटिविटी से नहीं डील किया गया और इसमें उनती डिटेल्स भी नहीं हैं, जितनी होनी चाहिए थीं। जब अनिल से सीरीज की गलतियों के बारे में पूछा गया, तो अनिल ने कहा, मैं कम से कम आधा दर्जन कमियां गिनवा सकता हूं, लेकिन फिलहाल एक गलती बताता हूं। उन्होंने दिखाया है कि एयर होस्टेस को हाईजैकर्स ने तमाचा मारा था। क्रू का इकलौता व्यक्ति जिस पर उन्होंने हाथ उठाया था वो हमारे सबसे जूनियर फ्लाइट पर्सर (केबिन मैनेजर), मिस्टर सतीश थे। उन्हें सिर के पीछे मारा गया था, उनके बाल नोचे गए, कुर्सी पर धक्का दिया गया। हाईजैकर्स को लगा कि उनके साथ वो ऐसा कर सकते हैं। आगे अनिल शर्मा ने कहा, उन्होंने लड़कियों के साथ धक्का-मुक्की नहीं की थी। मेरे साथ भी नहीं की। हालांकि एक वक्त पर उन्होंने मेरी गहन तलाशी ली थी। कह लीजिए कि मेरे शरीर का कोई हिस्सा नहीं था, जिसकी उन्होंने तलाशी न ली हो। मुझे इस बात पर हैरानी हुई कि मेकर्स फ्लाइट में क्रू के साथ मारपीट होते कैसे दिखा सकते हैं। शो में आतंकवादियों के नाम बदलने और तथ्यों को बदले जाने पर अनिल ने आगे कहा है, ये एक फेमस फैक्ट है कि इस घटना ने एक देश के तौर पर हमें घुटनों पर बैठा दिया था और इस बात पर बहस की जा सकती है कि सरकार नाकाम रही या कुछ कर नहीं सकी। लेकिन इसे ऐसे दिखाना ठीक नहीं है। इसे ऐसे भी दिखाया जा सकता था कि ये घटना आज के लिए एक सबक बनती। बताते चलें कि सीरीज में आतंकवादियो के लिए ‘भोला’ और ‘शंकर’ जैसे हिंदू नामों का इस्तेमाल किया गया है, जबकि असल आतंकवादी हिंदू थे। इस पर विवाद इतना बढ़ा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल को नोटिस भेजकर सफाई मांगी। विवाद बढ़ने और मंत्रालय से फटकार लगाए जाने के बाद अब सीरीज में आतंकवादियों के असल और कोडनेम वाला डिस्क्लेमर एड कर दिया गया है।