Uttarpradesh Tourism

स्मारकों से लेकर तीर्थस्थलों तक, क्या नहीं है उत्तर प्रदेश में, ये जगहें इतिहास को छिने में छुपाकर आपका इंतजार कर रही हैं…

उत्तर प्रदेश भारत का एक महान राज्य है।यहां श्री रामलला, श्री कृष्ण कि जन्म हुआ, भगवान गौतमबुद्ध का साधन स्थल भी उत्तर प्रदेश, दुनिया के सातवां अजुबा ताजमहल इसी राज्य में है। 22 जनवरी 2024 अयोध्या नाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भव्य राम मंदिर उद्घाटन से उत्तर प्रदेश पर्यटन मानचित्र में नया मोड़ ले लिया। उत्तर प्रदेश में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं, अब इसका और इजाफा होगा। आप भी अगर उत्तर प्रदेश घुम्ने की मन बना रहे हैं तो Uttarpradesh Tourism in Hindi लेख आपकी सहायता करेंगे।

दुनिया का सबसे पुराना शहर वाराणसी उत्तर प्रदेश में ही है। ताजमहल, अजेय कालिंजर दुर्ग, श्री राम, श्री कृष्ण का लीला भुमि , सारनाथ इन जगहों की वजह से बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक भारत आते हैं। इसका अलावा पूरे राज्य में इतिहास और धर्म का प्रभाव स्पष्ट है।
चाहे मुगलकालीन स्मारक हों या नवाबकालीन, महादेव मंदिर हो या राम जन्मस्थान सभी इसी राज्य में हैं। विश्व का सबसे प्राचीन मेला कुम्भ मुख्यतः इसी राज्य में आयोजित होता है। राज्य के लोग गंगा को मां कहकर बुलाते हैं.
भारत का यह राज्य घूमने के लिए एक महत्वपूर्ण जगह है। विशेष रूप से जो लोग इतिहास में रुचि रखते वाले के लिए उत्तर प्रदेश सर्ग है । आगरा के ताज महल से लेकर लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, अयोध्या, झाँसी, मथुरा, वृन्दावन, कुशीनगर – घूमने के लिए जगहों की कोई कमी नहीं है। हालांकि एक साथ पूरे उत्तर प्रदेश का दौरा करना असंभव है. इस राज्य को भागों में विभाजित करके घूमने से ही असली रूप देख पाएंगे ।
नवाबों के शहर लखनऊ का ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं आंक सकते है। आप अगर नानवेज खाते हैं तो लखनऊ का बिरयानी कबाब का स्वाद लेना मत भूलिए भी । उत्तर प्रदेश राज्य हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का एक अनूठा मिश्रण है। अगर आप उत्तर प्रदेश की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन जगहों को अपनी सूची में रख सकते हैं।

10 Best places to visit uttarpradesh – उत्तर प्रदेश घुम्ने लायक 10 प्रमुख पर्यटन स्थल

आगरा

विश्व का सातवां अजूबा ताज महल आगरा में स्थित है। यह भारत के पर्यटन मानचित्र का हृदय है। दुनिया के सबसे खूबसूरत स्मारक, ताज महल को देखने के लिए पूर्णिमा की रात सबसे अच्छी होती है। चंद्रमा के किरणों जगमगाती यमुना की सुंदरता भी असाधारण है। ताजमहल मुगल सम्राट शाहजहाँ प्रीय पत्नी मुमताज बेगम का स्मृति में 1653 ई. में निर्माण किया था।आगरा किला भी पीछे नहीं है. मुगलकाल का इतिहास स्थापत्य कला के रूप में यहां पर स्थित है। आगरा शहर, अपनी संस्कृति, कला और धार्मिक दर्शन के लिए प्रसिद्ध है। ताज महल के अलावा आगरा किला, सिकंदरा किला, एतमादुद्दौला, राधा स्वामी समाधि भी देखें। और अगर आप आगरा जाएं तो वहां पीठा खाना न भूलें.
आगरा पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका दिल्ली हवाई अड्डे से सड़क मार्ग से शहर तक पहुंचना है। आगरा तक बस या कार से पहुंचा जा सकता है। हावड़ा से दिल्ली या आगरा के लिए ट्रेनें उपलब्ध हैं।

मथुरा

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मथुरा भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है। यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित इस प्राचीन शहर हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध और जैन धर्म के लिए भी पांबन भूमि हैं। यह शहर धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। मथुरा का मुख्य आकर्षण भगवान कृष्ण की जन्मस्थली है। इसके अलावा विश्राम घाट, गीता मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, जामा मस्जिद, सरकारी संग्रहालय भी यहां के कुछ आकर्षण केन्द्र हैं। होली, जन्माष्टमी और दिवाली के दौरान द्वारकाधीश मंदिर की रौनक देखते लायक़ है।

बृंदावन

वृन्दावन मथुरा से मात्र 15 किमी की दूरी पर स्थित है। मथुरा कृष्ण का जन्म भुमि है तो बृंदावन लीला भुमि है। धार्मिक स्थल के रूप में वृन्दावन का महत्व किसी भी तरह से मथुरा से कम नहीं हैं। वृन्दावन मंदिर परिसर में कुछ प्रसिद्ध मंदिर हैं। इनमें कृष्ण-बलराम मंदिर,बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर, निधिवन मन्दिर,राधा रमण मन्दिर, गोविंद देव मंदिर, रंगजी मंदिर, शाहजी मंदिर, राधावल्लभ मंदिर, गोपीनाथ मंदिर, कांच मंदिर, मदनमोहन मंदिर, जयपुर मन्दिर, युगल किशोर मन्दिर प्रसिद्ध हैं। आगरा से आप आसानी से मथुरा पहुंच सकते हैं। मथुरा से बृंदावन।

प्रयागराज (इलाहाबाद)

इलाहाबाद शहर का प्राचीन नाम प्रयाग है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने इस प्रयाग शहर को सभी तीर्थों में सर्वश्रेष्ठ कहा था। बाद में प्रयाग का नाम इलाहाबाद कर दिया गया। बर्तमान में इलाहाबाद नाम बदल कर प्रयागराज कर दिया गया। देश का यह प्राचीन शहर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर है। इसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है। यहां नियमित अंतराल पर कुंभ और अर्ध कुंभ मेले का आयोजन होता रहता है। इस शहर का मुख्य आकर्षण गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम है। यहां के अन्य आकर्षण हैं इलाहाबाद किला, खुसरू बाग, इलाहाबाद संग्रहालय, आनंद भवन, स्वराज भवन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, ऑल सेंट्स कैथेड्रल, हनुमान मंदिर, जवाहर तारामंडल।

उत्तर मध्य रेलवे जोन के मुख्यालय होने के नाते, प्रयागराज भारतीय रेल का प्रमुख स्टेशन है। प्रयागराज में आठ रेलवे स्टेशन हैं जो भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बंगलौर, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, भोपाल, ग्वालियर, जयपुर आदि से जुड़ा हुआ है । इलाहाबाद डोमेस्टिक हवाई अड्डा , बमरौली एयर फोर्स बेस के रूप में भी जाना जाता है, यह प्रयागराज से 12 किमी की दूरी पर है । प्रयागराज से निकटतम अन्य दो हवाई अड्डे हैं , वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा (150 किमी) और लखनऊ में अमौसी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (200 किमी) । यह दोनों हवाई अड्डे भारत के अन्य प्रमुख शहरों से भी जुड़े हुए हैं । प्रयागराज राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जुडा है । एन एच 2 दिल्ली – कोलकाता को जोड़ता है जोकि प्रयागराज से गुजरता है, जबकि एन एच 27 प्रयागराज से शुरू होकर मध्य प्रदेश के मंगवान तक जाता है । एन एच 76 प्रयागराज (इलाहाबाद) को पिन्द्वारा (राजस्थान) से जोड़ता है । एन एच 96 फैजाबाद के एन एच 28 से जुड़ा हुआ है, जोकि प्रमुख हिंदू तीर्थ प्रयागराज और अयोध्या को जोड़ता है ।

लखनऊ

नवाबों के शहर लखनऊ का ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं आंक सकते है। उत्तर प्रदेश राज्य हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का एक अनूठा मिश्रण है। ।लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है। सुना है कि लखनऊ का पुराना नाम लक्ष्मणावती था। यह नगर रामचन्द्र के अनुज लक्ष्मण की राजधानी थी। बाद में इस शहर का नाम लखनऊ रखा गया। यहां की प्राचीन संस्कृति की कोई तुलना नहीं है। लखनऊ का दूसरा नाम नवाबों का शहर भी है।नवाबों के शहर लखनऊ का ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं आंक सकते है। शहर के रीति-रिवाजों में नवाबी मिजाज आज भी मौजूद है। शहर का चक्कर लगाने में लगभग डेढ़ दिन का समय लगता है।अगर आप उत्तर प्रदेश की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन जगहों को अपनी सूची में रख सकते हैं। रूमी दरवाजा, बड़ा इमामबाड़ा, भुलभुलैया, छोटा इमामबाड़ा, रेजीडेंसी, अंबेडकर पार्क जो बहुत ही देखने योग्य स्थान है।आप अगर नानवेज खाते हैं तो लखनऊ का बिरयानी कबाब का स्वाद लेना मत भूलिए । हजरतगंज के कबाब, बिरयानी, चाट खाना न भूलें. अगर आप लखनऊ जाएं तो चिकन के कपड़े भी खरीद सकते हैं।

अयोध्या

22 जनवरी 2024 भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रामलाला को प्राणप्रतिष्ठा के माध्यम से अयोध्या तथा भारत को एक भव्य राम मंदिर उपहार दिया। अयोध्या पर अब सारी दुनिया का नज़र है। भगवान राम का नगरी अयोध्या आपको स्वागत करते हैं। रामजी के दिव्य दर्शन करें। रामजी है तो हनुमान जी भी होंगें। हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन करें संकटमोचन हनुमान जी को। कनक भवन, नागेश्वर नाथ शिव मंदिर, तुलसी स्मारक भवन, सरयु घाट, सीता माता की रसोई देखने लायक स्थल है। सर्वोपरि आप एक महान आध्यात्मिक अनुभूति लाभ कर पायेंगे राम की नगरी में।

अयोध्या पहुंचना अब और भी आसान हो गया। यहां महर्षि वाल्मीकि के नाम पर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे वने हैं,जो दिल्ली, कोलकाता मुम्बई और भी देश के प्रमुख शहरों को हवाई मार्ग से जुड़ा है। रेल परिवहन को सुगम करने केलिए अयोध्या रेलवे स्टेशन को नया रूप में सजाएं गया, नया नया रेल मार्ग से जोड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय और राज्य मार्ग द्वारा देश का प्रमुख शहरों के साथ अयोध्या संयुक्त है।

बनारस

विश्व का सबसे प्राचीन शहर वाराणसी उत्तर प्रदेश में स्थित है। द्वादश ज्योतिर्लिंग का एक वारानसी की गंगा नदी के तट पर स्थित है।
वाराणसी दुनिया के सबसे पुराने जीवित शहरों में से एक है। यह शहर पौराणिक कथाओं, किंवदंतियों और धर्म से निकटता से जुड़ा हुआ है। यह हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए एक पवित्र स्थान है। वाराणसी की यात्रा का अर्थ है गंगा घाट, काशी विश्वनाथ और अन्य मंदिरों, शाम की संध्यारती, सारनाथ, रामनगर किला, अशोकस्तंभ, तिब्बती अध्ययन संस्थान आदि की यात्रा। अगर आप वाराणसी जाएं तो कचौरी-कढ़ी, रबड़ी-जिलिपि, लस्सी, पान आदि खाना न भूलें।

सारनाथ

उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण बौद्ध धर्म स्थल, और पर्यटन केंद्र वाराणसी के पास स्थित सारनाथ, और माना जाता है कि यह बुद्ध के पहले उपदेश का स्थान है। अशोक ने स्तूपों और मठों का निर्माण करके शहर का विस्तार किया, जिससे यह बौद्धों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल बन गया।

सारनाथ में अशोक का चतुर्मुख सिंह स्तम्भ जो हमारे राष्ट्रीय चिह्न भी हैं, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्रहालय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार इत्यादि दर्शनीय हैं। मुहम्मद गोरी ने सारनाथ के पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया था। सन 1905 में पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई का काम प्रारम्भ किया। उसी समय बौद्ध धर्म के अनुयायों और इतिहास के विद्वानों का ध्यान इधर गया। वर्तमान में सारनाथ एक तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल के रूप में लगातार वृद्धि की ओर अग्रसर है।

सारनाथ कैसे पहुंचें ?

हवाई मार्ग द्वारा: सारनाथ का निकटतम हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। हवाई अड्डे से गंतव्य तक पहुंचने में लगभग 15 मिनट लगते हैं। गंतव्य तक पहुंचने के लिए आप हमेशा सार्वजनिक परिवहन ले सकते हैं।

ट्रेन द्वारा: वाराणसी देश के प्रमुख शहरों के साथ रेलवे द्वारा संयुक्त है ,आप आसानी से दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई से रेलवे द्वारा वाराणसी पहुंच सकते हैं। सारनाथ का निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन वाराणसी जंक्शन है। स्टेशन से यात्रा करने के लिए आपको ऑटो और कैब मिल सकते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा: सारनाथ का उत्तर प्रदेश के सभी हिस्सों से सड़क संपर्क है। पर्यटक सारनाथ से डीलक्स और राज्य बसों द्वारा आसानी से यात्रा कर सकते हैं।