विजय सेतुपति को याद आते हैं पुराने दिन:बोले- मेरे जीवन का कोई लक्ष्य नहीं था, मैं केवल गरीबी से निकलना चाहता

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विजय सेतुपति की गिनती इंडस्ट्री के बेहतरीन एक्टर्स में की जाती है। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें पुराने दिनों की याद आती है। विजय ने बताया कि उन्होंने कभी कोई सपना नहीं देखा था। वो केवल गरीबी से निकलना चाहते थे। बता दें, एक्टर बनने से पहले विजय दुबई में एक अकाउंटेंट के तौर पर काम कर रहे थे। इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि वो अपनी लाइफ में सबसे ज्यादा किसे याद करते हैं। इस पर उन्होंने कहा- मुझे खुद की याद आती है। एक लड़का था जो बहुत मासूम था और उसके कोई सपने नहीं थे। उसे इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि वो अपने जीवन में क्या करने जा रहा है। जब वो कॉलेज में पहले साल की पढ़ाई कर रहा था, तो उसे नहीं पता था कि दूसरे साल का सिलेबस क्या है। मेरे दोस्त मुझे बताते थे कि ये दूसरे साल का सिलेबस है। मैं स्पोर्ट्स या पढ़ाई दोनों में अच्छा नहीं था। मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी। क्योंकि मैं बहुत शर्मीला था और कभी उनसे बात नहीं करता था। लेकिन जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता था। हालांकि, उसे ये नहीं पता था कि ये कैसे करना है। उसका केवल एक ही लक्ष्य गरीबी से बाहर आना था। वो आदमी बहुत मासूम था। मुझे खुद की याद आती है। कॉलेज के दिनों में कई जॉब करते थे विजय विजय ने अपने पुराने इंटरव्यू में बताया था कि वो कॉलेज के दिनों में कई जॉब किया करते थे। उन्होंने पढ़ाई के दौरान सेल्समैन, कैशियर और फोन बूथ ऑपरेटर जैसे काम भी किए थे। कॉमर्स से ग्रेजुएट होने के बाद विजय एक थोक सीमेंट बिजनेस में शामिल हो गए। इसके बाद वो दुबई जाकर एक अकाउंटेंट के तौर पर काम करने लगे। क्योंकि दुबई में उन्हें भारत में मिलने वाले वेतन से चार गुना ज्यादा वेतन मिलता था। लेकिन आखिर में वो अपने काम से असंतुष्ट होकर, भारत लौट आए। 2003 में भारत लौटने के बाद उन्होंने शादी कर ली और अपने दोस्तों के साथ इंटीरियर डेकोरेशन का काम शुरू किया। बाद में, वो एक मार्केटिंग कंपनी में शामिल हो गए। विजय ने फोर्ब्स से कहा- अगर मेरा बिजनेस चल गया होता तो मैं कभी एक्टर नहीं बन पाता। इसी समय के आसपास उन्होंने कुथु-पी-पट्टारैम नामक एक थिएटर कंपनी में अकाउंटेंट के रूप में 9-5 की नौकरी शुरू की। उन्होंने प्ले पर ध्यान देना शुरू किया और सोचा कि वो भी एक्टिंग में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। मेरी लाइफ में को डायरेक्शन या कोई एम्बिशन नहीं था। मैं बस रहने के लिए एक घर और एक कार चाहता था। मैंने लाइफ में बस इतना ही सोचा था।

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